वो शब्द जो कहे नहीं गए
बस आंखों ने पढ़े
मन में गढ़े
आज भी सिर्फ तुम्हारे हैं.
वो महक जो किसी फूल की नहीं
बस सांसों में बसी
फिजाओं में हंसी
आज भी तुम्हारी है.
वो सपने जो आंखों ने नहीं देखे
दिल से दिल ने बुने
हमने मिलकर चुने
आज भी तुम्हारे हैं.
वो जो भी है अनकहा
अनसुना
अनछुआ
सब आज भी तुम्हारा है.
मेरे वेलेंटाइन.
(Rajkumar Singh,14 Feb- 2010)
Nice....dil se likhi gayi khoobsurat kvita...
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