हर बात अधूरी है किस
किस को पूरा किया जाए
आधी ही सही जिंदगी
को अब पूरा जिया जाए
अमृत की चाह में कब
तक प्यासे रहेंगे हम
आओ इस ज़हर को ही
कुछ मीठा किया जाए
इतना जला है तो पाक
हो ही गया होगा
आओ इस दिल को अब
मंदिर में रखा जाए
ये दर्द-ए-दिल भी
वक्त का नज़राना है
आओ इस टीस का भी
मज़ा लिया जाए
चेहरे पे उम्र के
निशान बड़ी मेहनत से आते हैं
आओ इन सलवटों को
करीने से सजाया जाए
खाक या राख होना ही
इसकी किस्मत है
जब तक चाबी है इस
पुतले को हंसाया जाए
हर बात अधूरी है किस
किस को पूरा किया जाए
आधी ही सही जिंदगी
को अब पूरा जिया जाए
-राजकुमार सिंह
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