अपनी सलाहियत को
परखना चाहता हूं
मां तुझ पर कुछ
लिखना चाहता हूं.
दिल में है क्या है
जान लेगी हमेशा की तरह
मां फिर भी तुझे कुछ
बताना चाहता हूं.
सयाने होने की बड़ी कीमत
चुकायी है मैंने
मां बच्चा बनके फिर
तुझको सताना चाहता हूं
दर्द कितना ही बड़ा
हो अब आते नहीं आंसू
मां मुझे फिर डांट
मैं रोना चाहता हूं.
दुआ बन के अब भी
रगों में दौड़ता है
मां तू मेरे लहू में
है ये दिखाना चाहता हूं.
मौला मेरी दुआओं का
रंग सुर्ख कर दे
मां तेरा आंचल सजाना
चाहता हूं.
राजकुमार सिंह
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