Friday, February 14, 2014

वेलेंटाइन डे पर

वो शब्द जो कहे नहीं गए
बस आंखों ने पढ़े
मन में गढ़े
आज भी सिर्फ तुम्हारे हैं.

वो महक जो किसी फूल की नहीं
बस सांसों में बसी
फिजाओं में हंसी
आज भी तुम्हारी है.

वो सपने जो आंखों ने नहीं देखे
दिल से दिल ने बुने
हमने मिलकर चुने
आज भी तुम्हारे हैं.

वो जो भी है अनकहा
अनसुना
अनछुआ
सब आज भी तुम्हारा है.
मेरे वेलेंटाइन.
(Rajkumar Singh,14 Feb- 2010)

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